नमस्ते दोस्तों! Google कैसे कमाता है?
क्या आप जानते हैं कि Google पर हर दिन 8.5 अरब से ज़्यादा सर्च होते हैं? मतलब, दुनिया का हर इंसान दिन में कम से कम एक बार तो Google पर कुछ न कुछ ढूंढता ही है! ये कोई छोटी बात नहीं है।
लेकिन इससे भी बड़ी बात ये है कि Google ये सब मुफ़्त में करता है! सिर्फ़ Google Search ही नहीं, Google के ज़्यादातर प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करने के लिए बिलकुल फ्री हैं। YouTube पर वीडियो देखना फ्री, Gmail इस्तेमाल करना फ्री, Google Maps से रास्ता ढूंढना फ्री!
फिर सवाल उठता है कि इतना कुछ मुफ़्त में देने के बाद भी, Google ख़ुद $2 ट्रिलियन से ज़्यादा की कंपनी कैसे बन गई? बिना पैसे लिए Google इतनी सारी सर्विसेज कैसे दे पाता है?
चलिए आज हम इस लेख में इंटरनेट की सबसे बड़ी कंपनी, Google, के बिज़नेस मॉडल को समझने की कोशिश करते हैं।
Google - इंटरनेट का बादशाह
दोस्तों, आपने ज़रूर सुना होगा कि जैसे हम फ़ोटो कॉपी मशीन को "ज़ेरॉक्स" कहते हैं, सफ़ेद गोंद को "फ़ेविकॉल" कहते हैं, और बैंडेज को "बैंडेड" कहते हैं, वैसे ही इंटरनेट पर किसी भी चीज़ को ढूंढने को आज "Google करना" कहते हैं।
ये Google Search 1998 में एक कॉलेज प्रोजेक्ट के रूप में शुरू हुआ था। Larry Page और Sergey Brin ने इसे दुनिया की सारी जानकारी को व्यवस्थित करने और उसे सबके लिए उपयोगी बनाने के मिशन के साथ बनाया था।
शुरुआत में, Google एक साधारण सा सर्च इंजन था। "Google" शब्द का कोई ख़ास मतलब नहीं है, ये "Googol" शब्द से प्रेरित है। Googol एक संख्या का नाम है - 1 के बाद 100 शून्य।
Google नाम इसीलिए चुना गया ताकि ये दिखाया जा सके कि उनका सर्च इंजन इंटरनेट पर इतनी जानकारी खोजेगा कि वो Googols में होगी।
Google का सफ़र - छोटे से कदम, बड़ी मंज़िल
साल 2000 में Google ने अपना पहला बड़ा कदम उठाया - AdWords सिस्टम लाया गया, जिसे आज हम Google Ads के नाम से जानते हैं। इसके ज़रिए, बिज़नेस अपने विज्ञापन Google के सर्च रिज़ल्ट पेज पर दिखाने के लिए पैसे दे सकते थे। आगे हम इस बारे में और बात करेंगे कि ये Google का सबसे बड़ा बिज़नेस मॉडल कैसे बना।
लेकिन इन सालों में, Google ने कई और प्रोडक्ट्स और सर्विसेज भी शुरू कीं:
- 2004: Gmail
- 2005: Google Maps
- 2006: YouTube का अधिग्रहण
- 2008: Android मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम और Google Chrome वेब ब्राउज़र
बाद में, Google ने Pixel Smartphones, Chromebook Laptops और Smart Home Devices जैसे अपने हार्डवेयर प्रोडक्ट्स भी बनाने शुरू कर दिए। आज, Google Artificial Intelligence के क्षेत्र में भी तेज़ी से बढ़ रहा है।
Google के सफल प्रोडक्ट्स और कुछ असफल प्रयास
ऐसा लगता है कि Google हर चीज़ में सफल रहा है, लेकिन ये सच नहीं है। Google ने कई ऐसी चीजें भी शुरू कीं जो सफल नहीं हो पाईं, जैसे:
- Google+: Facebook को टक्कर देने के लिए बनाया गया सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म, जो असफल रहा।
- Google Hangouts: एक समय पर लोकप्रिय चैटिंग ऐप, जिसे 2022 में बंद कर दिया गया।
- Google Nexus Tablets: iPad को टक्कर देने के लिए बनाया गया, लेकिन Google को इसे भी बंद करना पड़ा।
इसके अलावा Google Podcasts, Google Glass, Google Wave, Google Reader जैसे कई प्रोडक्ट्स हैं जो सफल नहीं हो पाए। वास्तव में, Google के असफल प्रोडक्ट्स की संख्या उसके सफल प्रोडक्ट्स से काफ़ी ज़्यादा है। Wikipedia पर जाकर आप ऐसी 200 से ज़्यादा Google सर्विसेज और प्रोडक्ट्स की लिस्ट देख सकते हैं जो बंद हो चुकी हैं।
यहाँ हमें एक महत्वपूर्ण सीख मिलती है - "असफलता ही सफलता की कुंजी है।" अगर आपको सचमुच सफलता प्राप्त करनी है, तो आपको कई बार असफल होना पड़ेगा।
Google का असली खज़ाना क्या है?
इन सफलताओं और असफलताओं को ध्यान में रखते हुए, चलिए अब वर्तमान में वापस आते हैं और देखते हैं कि आज के समय में Google के लिए सबसे ज़्यादा मुनाफ़े वाला कारोबार कौन सा है?
Google का सबसे पुराना बिज़नेस मॉडल - Google Search Ads। चलिए इसे विस्तार से समझते हैं।
Google का कुल राजस्व $280 बिलियन है, जिसमें से 58% राजस्व, यानी $162 बिलियन, Google सर्च के साथ दिखाए जाने वाले विज्ञापनों से आता है!
Google की कमाई के दुसरे बड़े ज़रिये हैं:
- Google Network Ads: विभिन्न वेबसाइटों पर दिखाए जाने वाले विज्ञापन जो Google के साथ जुड़े होते हैं।
- YouTube Ads: वीडियो देखते समय आपको जो विज्ञापन दिखाई देते हैं।
- Google Play Store: ऐप डेवलपर्स को ऐप बेचने पर मिलने वाला कमीशन।
- Google Cloud: क्लाउड कंप्यूटिंग सर्विसेज से मिलने वाला राजस्व।
मुफ़्त में सेवाएं, फिर भी कमाई कैसे?
सबसे दिलचस्प बात ये है कि Google अपनी ज़्यादातर सेवाएं "मुफ़्त" में देता है। फिर भी इतनी कमाई कैसे होती है?
इसके पीछे दो मुख्य कारण हैं:
- Freemium मॉडल: बेसिक सेवाएं मुफ़्त होती हैं, लेकिन अगर आपको प्रीमियम सेवाएं चाहिए तो आपको पैसे देने पड़ेंगे। जैसे:
- Gmail: 15GB तक मुफ़्त, ज़्यादा स्टोरेज के लिए पैसा देना होगा।
- Google Drive: 15GB तक मुफ़्त, ज़्यादा स्टोरेज के लिए पैसा।
- YouTube: विज्ञापनों के साथ मुफ़्त, विज्ञापन हटाने के लिए प्रीमियम सदस्यता।
- डेटा संग्रह (Data Collection): हम जितनी ज़्यादा मुफ़्त सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं, Google हमारे बारे में उतना ही ज़्यादा डेटा इकट्ठा कर पाता है।
हम Google पर क्या सर्च करते हैं, YouTube पर कौन से वीडियो देखते हैं, किस तरह की ईमेल भेजते हैं - ये सारा डेटा बेनामी रूप से इकट्ठा किया जाता है और टारगेटेड एडवरटाइजिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
टारगेटेड एडवरटाइजिंग - Google की कमाई का राज़
आपने ज़रूर गौर किया होगा कि अगर आप YouTube पर हेल्दी रेसिपी सर्च करते हैं, तो बाद में जब आप Google या उसकी पार्टनर वेबसाइट पर जाते हैं, तो आपको हेल्दी टिफिन सर्विसेज या न्यूट्रिशनिस्ट के विज्ञापन दिखाई देते हैं।
Google एक एडवांस्ड मशीन लर्निंग एल्गोरिथम का इस्तेमाल करता है ताकि आपको ऐसे विज्ञापन दिखाए जा सकें जिनमें आपकी रूचि हो सकती है।
Google Ads कैसे काम करते हैं:
- आपकी प्रोफ़ाइल: Google आपकी उम्र, लिंग, लोकेशन, रूचि, और ऑनलाइन एक्टिविटी के आधार पर आपकी एक प्रोफ़ाइल बनाता है।
- विज्ञापनदाता के पैरामीटर्स: विज्ञापनदाता चुनते हैं कि वह अपने विज्ञापन किस उम्र समूह, लिंग, लोकेशन, और रूचि वाले लोगों को दिखाना चाहते हैं।
- कीवर्ड्स: विज्ञापनदाता कुछ कीवर्ड्स भी चुनते हैं जो उनके विज्ञापन से संबंधित होते हैं।
- मिलान: जब आप Google पर कुछ सर्च करते हैं या YouTube पर कोई वीडियो देखते हैं, तो Google आपकी प्रोफ़ाइल और विज्ञापनदाता के पैरामीटर्स का मिलान करता है। अगर मिलान होता है, तो आपको वह विज्ञापन दिखाया जाता है।
Google विभिन्न प्रकार के विज्ञापन प्रदर्शित करता है:
- Search Ads: Google सर्च रिज़ल्ट के ऊपर दिखाए जाने वाले विज्ञापन।
- Banner Ads: विभिन्न वेबसाइट पर दिखाए जाने वाले बैनर विज्ञापन।
- Video Ads: YouTube वीडियो के बीच में, शुरू में, या अंत में दिखाए जाने वाले विज्ञापन।
Google का विज्ञापन राजस्व पिछले 20 सालों से लगातार बढ़ रहा है।